सुश्री अनुजा सिन्हा
हर वर्ष जब दीपावली आने वाली होती है तो मुझे एक अलग-सा एहसास होता है, एक सुखद अनुभूति होती है। पर्व-त्योहारों की चल रही शृंखला में रोशनी के त्योहार दीपावली की अपनी ही एक सुंदरता है। मुझे जो अनुभूति होती है, उसका एक कारण यह भी है कि मेरा जन्म धनतेरस के दिन हुआ था। प्रत्येक वर्ष मेरा जन्मदिन दीवाली के आस-पास पड़ता है। मेरा जन्म नॉर्मल डिलीवरी से हुआ था इसीलिए माँ मुझे अगले ही दिन घर ले आयीं। मुझसे डेढ़ वर्ष बड़ा भाई घर पर था। दीवाली के पटाखों के शोर में नवजात शिशुओं को परेशानी हो सकती है। वह सहम सकते हैं, शोर के कारण उनके कानों में समस्या हो सकती है, यहाँ तक कि जान का भी खतरा हो सकता है। इन्हीं कारणों से माँ को डर था कि मुझे कुछ हो न जाये। उन्होंने मुझे बड़ी हिफाज़त से कमरे के अंदर रखा और भरसक कोशिश की कि मुझे आतिशबाज़ी के शोर से परेशानी न हो।

घर में धनतेरस के दिन बेटी का जन्म होना शुभ माना गया। सबने कहा कि लक्ष्मी घर आई हैं। बचपन से ही धनतेरस के दिन माँ कहा करती थी कि आज के दिन ही तुम्हारा जन्म हुआ है। मुझे एक अजीब सी खुशी होती थी। जब मैं बड़ी हुई, तो मालूम हुआ कि धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है। वह आयुर्वेद के देवता हैं। बाद में पता चला कि वह भगवान विष्णु के अवतार हैं, जो समुद्र-मंथन के समय प्रकट हुये थे। जिस दिन उनका प्रादुर्भाव हुआ, उस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है।

मेरे मन में यह प्रश्न हमेशा उठता था कि जब धनतेरस पर आयुर्वेद के देवता की पूजा होती है तो यहाँ धन की बात कहाँ से आई ? धनतेरस को लोग धन से क्यों जोड़ते हैं? धन का अर्थ मात्र स्वर्ण या रुपये-पैसे नहीं होता, बल्कि धन का एक अर्थ है जोड़ना। धन अर्थात बढ़ोत्तरी होना। आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य में बढ़ोत्तरी होने को धनतेरस कहते हैं। एक और बात यह है कि वह कहते हैं न धन-धान्य की वृष्टि होती है। यहाँ ‘धान्य’ यानि धान, अर्थात अन्न है। अर्थात अनाज को धन के समान महत्वपूर्ण माना गया है। यहाँ पर यह भी ध्यान देने वाली बात है कि दीपावली के अवसर पर आयुर्वेद के भगवान की उपासना इस कारण से की जाती है कि स्वास्थ्य-धन अन्य भौतिक धन की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण है।

बहरहाल, भारतीय संस्कृति में कन्या को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, इसीलिए इस दिन मेरे जन्म को लक्ष्मी से जोड़ना अनुचित नहीं जान पड़ता। परंतु यदि धनतेरस के दिन किसी बालक का जन्म होता है तो यह अवश्य कहना चाहिए कि भगवान धन्वंतरि का आगमन हुआ है! इससे शायद उसके अंदर भी उनके भाव जग जाएँ।
सुश्री अनुजा सिन्हा, निदेशक, टीसीएन मीडिया