262, Village – Korown, Sultanpur, UP- 228121 India.
+919354947355
info@haatnow.com

Tag: Joint-Family-System

HaatNow •Produce • Sell • Grow

हरे रंग में छुपी हुई मेरे रिश्तों की नज़दीकियाँ

डा. अपर्णा धीर खण्डेलवाल रंग हमारे जीवन में उल्लास लाते हैं, यह तो सभी कहते हैं…….  पर यही रंग, हमें हमारे रिश्तों से भी जोड़ते हैं, क्या कभी हम ऐसा महसूस कर पाते हैं? जी हां! मैं बात कर रही हूं अपने जीवन की, जहाँ मुझे मेरे ही रिश्तों से जोड़ा हरे रंग ने। जब…
Read more

गाँव : देश की धड़कन

Alok Kumar Dwivedi भारत गाँवों का देश माना जाता है। महात्मा गांधी के इस भाव को उनके वैचारिक अनुयायी आज भी स्वीकार करते हैं। उनके वैचारिकी में भारत का गाँव सुविधाविहीन, अशिक्षित, असंस्कारित एवं दिशाहीन होकर सुशिक्षित, संस्कारयुक्त, संपोष्यभाव को अपनाए हुए तथा जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के सक्षम रूप में उपस्थित होता…
Read more

बेटवा कै लड्डू

बलराम सिंह इ बात होए क़रीब सन १९९२ कै, जब हमय मासाचूसेट्ट्स यूनिवर्सिटी मॉ पढ़ावत क़रीब दुई साल भा रहा होए। वैसे तौ अमेरिका मॉ रहत हमका लगभग नौ साल होईगा रहा, लकिन विद्यार्थी जीवन कै बात कुछ और होथै, सब पढ़ाई लिखाई के काम मॉ लगा रहाथे,  एतना फ़ुरसत नाहीं मिलत कि कौनव सामाजिक…
Read more

ग्रामीण-समाज की व्यवस्था में रिश्तों की गहराई की झलक

डा. अपर्णा धीर खण्डेलवाल शहरवासियों की दृष्टि में गाँव एवम् ग्रामीणवासी सदैव ही सादा जीवन, सरल बोली, साधारण वेशभूषा, तथा सात्त्विक भोजन की छाप छोडे़ हुए है। मन में ऎसी ही छवि बिठाऐ हुए संयोगवश आज से लगभग चार वर्ष पहले मुझे भी एक गाँव में जाने का अवसर प्राप्त हुआ। मैं चर्चा कर रही…
Read more